भारत की राजनीति में अपनी प्रखर वक्तृत्व शैली और सक्रिय भागीदारी के लिए पहचाने जाने वाले गजेन्द्र सिंह शेखावत एक ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने छात्र राजनीति से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल तक का सफर तय किया है। Gajendra Singh Shekhawat वर्तमान में भारत सरकार में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं और राजस्थान के जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा, सामाजिक कार्यों में योगदान और जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनके प्रयासों ने उन्हें देशभर में एक सम्मानित व्यक्तित्व बनाया है। इस लेख में हम गजेन्द्र सिंह शेखावत के जीवन, शिक्षा, करियर, उपलब्धियों और हालिया अपडेट्स के बारे में विस्तार से जानेंगे।
गजेन्द्र सिंह शेखावत की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
गजेन्द्र सिंह शेखावत का जन्म 3 अक्टूबर 1967 को राजस्थान के जैसलमेर जिले के मेहरोली गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। उनके पिता, शंकर सिंह शेखावत, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी थे, जिसके कारण परिवार को राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित होना पड़ता था। इस वजह से Gajendra Singh Shekhawat को अपनी प्रारंभिक शिक्षा विभिन्न स्कूलों में पूरी करनी पड़ी। उनके परिवार की देशभक्ति और सामाजिक सेवा की भावना ने उनके व्यक्तित्व को गहराई से प्रभावित किया।
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने जोधपुर के जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) और मास्टर ऑफ फिलॉसफी (एम.फिल.) की डिग्री प्राप्त की। शिक्षा के दौरान ही उन्होंने छात्र राजनीति में रुचि दिखाई और यहीं से उनकी नेतृत्व क्षमता का विकास शुरू हुआ। Gajendra Singh Shekhawat ने 1992 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। यह जीत उनके राजनीतिक करियर की पहली सीढ़ी साबित हुई।
गजेन्द्र सिंह शेखावत का छात्र राजनीति से शुरुआत
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ की, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का एक अनुषांगिक संगठन है। 1992 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में उनकी जीत ने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया। इस दौरान Gajendra Singh Shekhawat ने छात्रों के हितों के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर आवाज उठाई और संगठनात्मक कौशल का परिचय दिया।
छात्र राजनीति में सक्रिय रहते हुए गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आरएसएस और स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों के साथ भी काम किया। उनकी विचारधारा और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण ने उन्हें युवा नेतृत्व के रूप में स्थापित किया। इस अवधि में उन्होंने राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक विकास के लिए ‘सीमा जन कल्याण समिति’ की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने सीमावर्ती गांवों में शिक्षा और सामुदायिक विकास के लिए कई स्कूल और छात्रावास स्थापित किए।
गजेन्द्र सिंह शेखावत की विदेश में खेती और वापसी
छात्र राजनीति में सफलता के बाद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने 1994 में एक अप्रत्याशित निर्णय लिया और राजनीति से कुछ समय के लिए दूरी बनाकर पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया चले गए। वहां उन्होंने जमीन खरीदकर खेती शुरू की। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र में अपने अनुभव को समृद्ध किया, लेकिन उनके मन में देश सेवा और राजनीति की ललक बनी रही। Gajendra Singh Shekhawat की यह यात्रा उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव थी, जिसने उन्हें आत्मनिर्भरता और वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान किया।
लगभग दो दशक बाद, 2014 में गजेन्द्र सिंह शेखावत भारत लौटे और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ अपने पुराने संबंधों को पुनर्जनन किया। उनकी वापसी ने राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ लाया, और बीजेपी ने उन्हें जोधपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया।
गजेन्द्र सिंह शेखावत का लोकसभा सांसद के रूप में करियर
Gajendra Singh Shekhawat ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जोधपुर से बीजेपी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और कांग्रेस की उम्मीदवार चंद्रेश कुमारी कटोच को 4 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया। यह जीत न केवल उनकी लोकप्रियता का प्रमाण थी, बल्कि यह भी दर्शाती थी कि जनता ने उनके नेतृत्व पर भरोसा जताया है। इस जीत के बाद गजेन्द्र सिंह शेखावत को नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री बनाया गया।
2019 के लोकसभा चुनाव में Gajendra Singh Shekhawat ने फिर से जोधपुर से जीत हासिल की, इस बार राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 2.74 लाख मतों से हराकर। इस जीत ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रमुखता दिलाई। 2019 में उन्हें केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
2024 के लोकसभा चुनाव में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने तीसरी बार जोधपुर से जीत दर्ज की, इस बार कांग्रेस के करण सिंह उचियारणा को 1.15 लाख मतों से हराकर। इस जीत के बाद उन्हें केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। Gajendra Singh Shekhawat की लगातार तीन जीत जोधपुर में उनकी मजबूत जनाधार और प्रभावी नेतृत्व का प्रतीक है।
गजेन्द्र सिंह शेखावत का केंद्रीय मंत्री के रूप में योगदान
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने मंत्रालयों के माध्यम से कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। जल शक्ति मंत्री के रूप में, उन्होंने ‘जल जीवन मिशन’ को बढ़ावा दिया, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाना था। इस मिशन के तहत लाखों ग्रामीण परिवारों को नल से जल की सुविधा प्रदान की गई। Gajendra Singh Shekhawat ने जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए कई जागरूकता अभियान भी चलाए, जिसने उन्हें पर्यावरण और जल संरक्षण के क्षेत्र में एक प्रमुख चेहरा बनाया।
2024 में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री बनने के बाद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने हुमायूं के मकबरे में भूमिगत संग्रहालय का उद्घाटन किया और पर्यटन Occupation: Politician
2024 में केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री बनने के बाद Gajendra Singh Shekhawat ने भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने हुमायूं के मकबरे में भूमिगत संग्रहालय का उद्घाटन किया और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाओं की घोषणा की। गजेन्द्र सिंह शेखावत का मानना है कि भारतीय संस्कृति और विरासत को विश्व स्तर पर प्रचारित करने से न केवल पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि देश की सॉफ्ट पावर भी मजबूत होगी।
गजेन्द्र सिंह शेखावत का सामाजिक और खेल गतिविधियों में योगदान
गजेन्द्र सिंह शेखावत केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि एक उत्कृष्ट खिलाड़ी और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। वे राष्ट्रीय और अंतर-विश्वविद्यालय स्तर पर बास्केटबॉल और बैडमिंटन के शानदार खिलाड़ी रहे हैं। वे अखिल भारतीय खेल परिषद (एआईसीएस) के सदस्य भी हैं और खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर चुके हैं।
Gajendra Singh Shekhawat रोटरी क्लब और फोरम फॉर इंटीग्रेटेड नेशनल सिक्योरिटी (एफआईएनएस) जैसे संगठनों से भी जुड़े हैं। उन्होंने जोधपुर में कई सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जो स्थानीय समुदाय के विकास में योगदान देता है। उनकी सामाजिक सक्रियता ने उन्हें जनता के बीच ‘गज्जू बन्ना’ के रूप में लोकप्रिय बनाया है।
गजेन्द्र सिंह शेखावत के विवाद और कानूनी स्थिति
गजेन्द्र सिंह शेखावत का करियर विवादों से भी गुजरा है। 2021 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ उन्होंने एक एफआईआर दर्ज की थी। इसके अलावा, संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव प्रकरण में उनके खिलाफ जांच चल रही थी, लेकिन सितंबर 2024 में राजस्थान हाई कोर्ट ने उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी। Gajendra Singh Shekhawat ने हमेशा अपने खिलाफ लगे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और जनता के बीच अपनी साख बनाए रखी।
गजेन्द्र सिंह शेखावत का निजी जीवन और संपत्ति
गजेन्द्र सिंह शेखावत की पत्नी नौनंद कंवर एक गृहिणी हैं, और उनकी आय मुख्य रूप से किराए से होती है। दंपति के पास जोधपुर में 4 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का एक घर और 2 करोड़ रुपये से अधिक की कृषि भूमि सहित कुल 19 करोड़ रुपये की संपत्ति है। Gajendra Singh Shekhawat का निजी जीवन सादगीपूर्ण है, और वे अक्सर दिल्ली मेट्रो से कार्यालय जाते हुए देखे जाते हैं।
गजेन्द्र सिंह शेखावत की हालिया अपडेट्स और भविष्य की योजनाएं
2024 में गजेन्द्र सिंह शेखावत ने केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, जिसमें पर्यटन स्थलों के डिजिटल प्रचार और सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन शामिल है। Gajendra Singh Shekhawat ने हाल ही में न्यूज18 इंडिया चौपाल में कहा कि भारतीय मूल्यों की विश्व में पहचान बढ़ रही है, और उनका मंत्रालय इस दिशा में और अधिक कार्य करेगा।
गजेन्द्र सिंह शेखावत की प्रखर वक्तृत्व शैली और जनता से जुड़ाव ने उन्हें राजस्थान की राजनीति में एक मजबूत स्थान दिलाया है। भविष्य में, वे बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व में और अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
गजेन्द्र सिंह शेखावत एक ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत, समर्पण और नेतृत्व क्षमता के दम पर भारतीय राजनीति में अपनी जगह बनाई है। छात्र राजनीति से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। Gajendra Singh Shekhawat ने जल संरक्षण, संस्कृति और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अपने योगदान से देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी लोकप्रियता और जनता से जुड़ाव उन्हें एक सशक्त नेता बनाता है।