हिमंत बिस्वा सरमा का जीवन परिचय | Himanta Biswa Sarma Biography in Hindi

हिमंत बिस्वा सरमा ( Himanta Biswa Sarma ) भारतीय राजनीति का एक ऐसा नाम है जिसने पूर्वोत्तर भारत की राजनीति को नई दिशा दी। वे वर्तमान में असम के मुख्यमंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाने जाते हैं। अपनी कुशल रणनीति, संगठनात्मक क्षमता और जनहित में किए गए कार्यों के कारण वे न केवल असम बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय हो चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी इनकी प्रसंसा कर चुके है।


हिमंत बिस्वा सरमा का प्रारंभिक जीवन और परिवार

Himanta Biswa Sarma का जन्म 1 फरवरी 1969 को असम के कामरूप जिले के लाताशील में हुआ था। उनके पिता का नाम कैलाश नाथ सरमा और माता का नाम शुभांगीनी देवी है। हिमंत का परिवार पारंपरिक रूप से शिक्षा और संस्कृति से जुड़ा हुआ था।

बाल्यकाल से ही हिमंत पढ़ाई में होशियार और नेतृत्व क्षमता से भरपूर थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गुवाहाटी से पूरी की और बाद में उच्च शिक्षा के लिए कॉटन कॉलेज (Cotton College, Guwahati) में दाखिला लिया। छात्र जीवन में ही वे छात्र राजनीति और समाजसेवा की ओर आकर्षित हुए।


हिमंत बिस्वा सरमा की शैक्षिक पृष्ठभूमि

हिमंत बिस्वा सरमा ने राजनीति विज्ञान में स्नातक (B.A.) की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर (M.A.) की डिग्री हासिल की। वे यहीं नहीं रुके, बल्कि उन्होंने विधि (Law) की पढ़ाई भी की और LL.B की डिग्री ली। इसके बाद उन्होंने पीएच.डी. भी राजनीति विज्ञान विषय में पूरी की। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि ने आगे चलकर उन्हें राजनीति में गहरी समझ और रणनीति बनाने की क्षमता दी।


हिमंत बिस्वा सरमा का छात्र राजनीति से मुख्यधारा तक

छात्र जीवन में ही हिमंत बिस्वा सरमा राजनीति में सक्रिय हो गए थे। वे असम यूनिवर्सिटी छात्र संघ (AASU) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े रहे। यही से उनका राजनीतिक करियर आकार लेने लगा। वे छात्र संघों में लोकप्रिय नेता बने और युवाओं के बीच अपनी पहचान बनाई।


हिमंत बिस्वा सरमा का कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक करियर की शुरुआत

Himanta Biswa Sarma ने औपचारिक रूप से राजनीति की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Congress) से की। 1996 में वे पहली बार जालुकबाड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए। इसके बाद वे लगातार कई बार इस क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे।

तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में हिमंत को शिक्षा, स्वास्थ्य, वित्त, गृह और सार्वजनिक कार्य विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा गया। इन विभागों में रहते हुए उन्होंने कई सुधार और विकास कार्य किए।


हिमंत बिस्वा सरमा का कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होना

कांग्रेस पार्टी में लंबे समय तक सक्रिय रहने के बाद, 2015 में हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया। पार्टी में उनकी अनदेखी और आंतरिक मतभेदों के कारण उन्होंने यह निर्णय लिया। इसके बाद वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए।

बीजेपी में शामिल होने के बाद हिमंत ने पूर्वोत्तर भारत में पार्टी को मजबूत करने में केंद्रीय भूमिका निभाई। उन्होंने असम सहित त्रिपुरा, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय और अन्य राज्यों में बीजेपी के संगठन को खड़ा करने में अहम योगदान दिया।


हिमंत बिस्वा सरमा का असम के मुख्यमंत्री बनने की यात्रा

2021 के असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की। इसके बाद पार्टी ने Himanta Biswa Sarma को असम का 15वां मुख्यमंत्री चुना। उन्होंने 10 मई 2021 को शपथ ली। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने विकास, कानून व्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कई बड़े फैसले लिए।


हिमंत बिस्वा सरमा की मुख्यमंत्री के रूप में उपलब्धियाँ

  • शिक्षा क्षेत्र में सुधार: सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में आधारभूत संरचना को सुधारने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया।
  • स्वास्थ्य सेवाएँ: असम में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया और कई नए अस्पतालों की स्थापना की।
  • इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: सड़कों, पुलों और परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया।
  • आंतरिक सुरक्षा: राज्य में शांति बनाए रखने के लिए कई कड़े कदम उठाए। उग्रवाद को समाप्त करने के लिए पहल की।
  • डिजिटल पहल: प्रशासन को डिजिटलाइजेशन की ओर ले जाने के लिए कई नई योजनाएँ शुरू कीं।

हिमंत बिस्वा सरमा का राष्ट्रीय राजनीति में योगदान

हिमंत बिस्वा सरमा केवल असम तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने पूरे पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी को स्थापित करने में मुख्य भूमिका निभाई। वे North East Democratic Alliance (NEDA) के संयोजक भी हैं। इस संगठन का उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा और सहयोगी दलों का विस्तार करना है।


हिमंत बिस्वा सरमा का व्यक्तिगत जीवन

Himanta Biswa Sarma का विवाह रिंकू भुइयां सरमा से हुआ है। उनकी पत्नी भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। उनके दो बच्चे हैं – पुत्र नंदिल और पुत्री सुक्रिति। हिमंत पारिवारिक जीवन को भी महत्व देते हैं और अक्सर अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं।


हिमंत बिस्वा सरमा को मिले पुरस्कार और सम्मान

राजनीति और समाजसेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए हिमंत बिस्वा सरमा को कई बार सम्मानित किया गया है। उन्हें जनता द्वारा असम का “जन नेता” कहा जाता है।


हिमंत बिस्वा सरमा ( Himanta Biswa Sarma ) भारतीय राजनीति के उन नेताओं में से हैं जिन्होंने न केवल अपने राज्य बल्कि पूरे पूर्वोत्तर भारत की राजनीति को नई दिशा दी। उनकी रणनीति और नेतृत्व क्षमता ने बीजेपी को पूर्वोत्तर में मजबूत बनाया। मुख्यमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय रहा है। वे आने वाले वर्षों में भी भारत की राजनीति में एक बड़ा नाम बने रहेंगे।

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