पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जीवन-परिचय – Bageshwar Dham Dhirendra Krishna Shastri Biography in hindi

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri), जिन्हें बागेश्वर धाम सरकार या बागेश्वर बाबा के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु, कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम, भगवान हनुमान को समर्पित एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जिसे Dhirendra Krishna Shastri ने अपनी कथाओं, प्रवचनों और चमत्कारी सिद्धियों के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके लाखों-करोड़ों अनुयायी भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का प्रारंभिक जीवन और परिवार

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में एक साधारण हिंदू गर्ग ब्राह्मण परिवार में हुआ। उनका मूल नाम Dhirendra Krishna Garg है, लेकिन आध्यात्मिक क्षेत्र में वह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके पिता, रामकृपाल गर्ग, एक पुजारी और कथावाचक थे, जबकि उनकी माता, सरोज गर्ग, एक गृहिणी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी, और Dhirendra Krishna Shastri का बचपन गरीबी में बीता। उनके घर में कई बार खाने की कमी रहती थी, और वे एक कच्चे मकान में रहते थे, जो बारिश में टपकता था।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के परिवार में उनके छोटे भाई शालिग्राम गर्ग और बहन रीता गर्ग हैं। उनके दादाजी, भगवान दास गर्ग, बागेश्वर धाम में पुजारी थे और उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। Dhirendra Krishna Shastri ने अपने दादाजी से धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की, जिसने उनके जीवन की दिशा तय की। बचपन से ही पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का झुकाव अध्यात्म की ओर था, और वे 9 वर्ष की आयु से ही गढ़ा गांव के हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ और साधना में समय बिताने लगे।

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की शिक्षा

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रारंभिक शिक्षा गढ़ा गांव के सरकारी स्कूल में हुई। कुछ स्रोतों के अनुसार, उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा 8वीं कक्षा तक पूरी की, जबकि अन्य स्रोत दावा करते हैं कि उन्होंने बीए (बैचलर ऑफ आर्ट्स) की डिग्री प्राप्त की। हालांकि, Dhirendra Krishna Shastri की रुचि हमेशा से धार्मिक ग्रंथों और आध्यात्मिक ज्ञान में रही। उन्होंने अपने दादाजी, भगवान दास गर्ग, और बाद में अपने गुरु, जगद्गुरु रामभद्राचार्य से वेद, पुराण, रामचरितमानस, और शिव पुराण का गहन अध्ययन किया। इस शिक्षा ने उन्हें एक प्रभावशाली कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु बनने की नींव प्रदान की।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने करियर की शुरुआत बहुत कम उम्र में की। मात्र 9 वर्ष की आयु में, वे बागेश्वर धाम के हनुमान मंदिर में पूजा-पाठ और साधना करने लगे। उनके दादाजी, भगवान दास गर्ग, और उनके गुरु, सन्यासी बाबा, की प्रेरणा और आशीर्वाद से Dhirendra Krishna Shastri ने आध्यात्मिक सिद्धियों को प्राप्त किया। 2003 में, 12 वर्ष की आयु में, उन्होंने बागेश्वर धाम में अपना पहला दिव्य दरबार लगाया, जिसमें उन्होंने भक्तों की समस्याओं का समाधान करना शुरू किया।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार उनकी सबसे बड़ी पहचान बन गया। इस दरबार में, वे भक्तों की समस्याओं को बिना बताए जान लेते हैं और एक कागज की पर्ची पर उनकी परेशानियों का समाधान लिखकर देते हैं। यह चमत्कारी शक्ति, जिसे वे हनुमान जी और अपने गुरुओं का आशीर्वाद मानते हैं, ने उन्हें देश-विदेश में प्रसिद्धि दिलाई।

2018 में, मात्र 22 वर्ष की आयु में, Dhirendra Krishna Shastri को बागेश्वर धाम सरकार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया। उनका कहना है कि भगवान हनुमान ने उन्हें स्वप्न में यह जिम्मेदारी सौंपी। इस पद को स्वीकार करने के बाद, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम को एक वैश्विक धार्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में काम शुरू किया।

बागेश्वर धाम और दिव्य दरबार

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम को एक आध्यात्मिक और सामाजिक केंद्र के रूप में विकसित किया। यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और वास्तुशास्त्र के अनुसार निर्मित है। मंदिर परिसर में भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं, जो इसे और भी भव्य बनाती हैं। मंगलवार और शनिवार को Dhirendra Krishna Shastri के नेतृत्व में आयोजित होने वाला दिव्य दरबार लाखों भक्तों को आकर्षित करता है।

दिव्य दरबार में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भक्तों की मानसिक, शारीरिक, आर्थिक, और सामाजिक समस्याओं का समाधान करते हैं। उनकी यह विशेषता कि वे बिना बताए भक्तों की परेशानियों को जान लेते हैं, उन्हें चमत्कारी बाबा के रूप में प्रसिद्ध करती है। Dhirendra Krishna Shastri का दावा है कि उनकी ये शक्तियाँ हनुमान जी और उनके गुरुओं के आशीर्वाद से प्राप्त हुई हैं।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कथावाचन और सनातन धर्म का प्रचार

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक विख्यात कथावाचक हैं, जो रामचरितमानस, शिव पुराण, और हनुमान चालीसा की कथाओं के लिए जाने जाते हैं। उनकी कथाएँ न केवल धार्मिक होती हैं, बल्कि जीवन जीने की कला और नैतिकता का भी संदेश देती हैं। Dhirendra Krishna Shastri की कथाएँ भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होती हैं, और अब वे लंदन, ऑस्ट्रेलिया, और अन्य देशों में भी कथा वाचन के लिए जाते हैं।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति के प्रचार में भी सक्रिय हैं। उन्होंने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए कई मंचों से आवाज उठाई है। 2024 में, Dhirendra Krishna Shastri ने छतरपुर में देश के पहले हिंदू ग्राम का भूमिपूजन किया, जिसका उद्देश्य सनातन धर्म के मूल्यों को बढ़ावा देना और समाज को एकजुट करना है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का सामाजिक कार्य और पहल

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम को केवल एक धार्मिक स्थल तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे सामाजिक कल्याण का केंद्र भी बनाया। उनके द्वारा शुरू की गई कुछ प्रमुख पहलें निम्नलिखित हैं:

  • अन्नपूर्णा रसोई: बागेश्वर धाम में Dhirendra Krishna Shastri ने अन्नपूर्णा रसोई की स्थापना की, जहाँ भक्तों और जरूरतमंदों के लिए निःशुल्क भोजन प्रसाद की व्यवस्था की जाती है।
  • वैदिक गुरुकुल: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्राचीन वैदिक अध्ययन और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए एक वैदिक गुरुकुल की स्थापना की योजना बनाई है।
  • गरीब लड़कियों की शादी: वे हर साल गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी का आयोजन करते हैं, जिसमें सभी खर्च बागेश्वर धाम द्वारा वहन किए जाते हैं।
  • घर वापसी कार्यक्रम: 2021 में, Dhirendra Krishna Shastri ने कथित तौर पर 300 हिंदुओं को, जो ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए थे, वापस हिंदू धर्म में लाने का कार्य किया।

इन सामाजिक कार्यों ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को जनसेवा के क्षेत्र में एक विशेष स्थान दिलाया है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जुड़े विवाद और चुनौतियाँ

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का करियर विवादों से भी घिरा रहा है। उन पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने और मानसिकता (मेंटलिज्म) का उपयोग करके लोगों को बरगलाने के आरोप लगे हैं। 2023 में, नागपुर की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने Dhirendra Krishna Shastri की आध्यात्मिक शक्तियों पर सवाल उठाए और उन्हें चुनौती दी। हालांकि, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्याम मानव को अपने दिव्य दरबार में आमंत्रित कर उनकी शंकाओं का समाधान करने की पेशकश की। बाद में, नागपुर पुलिस ने 25 जनवरी 2023 को Dhirendra Krishna Shastri को अंधविश्वास के आरोपों में क्लीन चिट दे दी।

इसके अलावा, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म से संबंधित बयानों ने भी विवाद खड़ा किया। कुछ लोगों ने उनके बयानों को जातिवादी और भेदभावपूर्ण बताया, जबकि उनके समर्थकों का कहना है कि उनके बयानों का गलत अर्थ निकाला जाता है। 2023 में, Dhirendra Krishna Shastri को एक व्यक्ति द्वारा जान से मारने की धमकी भी मिली, जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता और सोशल मीडिया

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण सोशल मीडिया है। उनके प्रवचन, कथाएँ, और दिव्य दरबार के वीडियो यूट्यूब, इंस्टाग्राम, और फेसबुक पर वायरल होते हैं। उनके लाखों अनुयायी सोशल मीडिया पर उनकी गतिविधियों को फॉलो करते हैं। Dhirendra Krishna Shastri की कथाएँ और बयान अक्सर ट्रेंड करते हैं, जिसने उन्हें युवाओं के बीच भी लोकप्रिय बनाया है।

उनकी वैश्विक पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। उन्होंने दावा किया कि अंबानी परिवार ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया से “चीलगाड़ी” (हेलिकॉप्टर) भेजकर बुलाया था।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आय और संपत्ति

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की आय और संपत्ति को लेकर भी कई चर्चाएँ होती हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी मासिक आय लगभग 5 से 7 लाख रुपये है, और उनकी कुल संपत्ति 19.5 करोड़ रुपये के आसपास बताई जाती है। उनकी कथाओं के लिए वे प्रति कथा 1 से 1.5 लाख रुपये की फीस लेते हैं। हालांकि, Dhirendra Krishna Shastri का कहना है कि उनकी आय का अधिकांश हिस्सा बागेश्वर धाम के विकास और सामाजिक कार्यों में उपयोग होता है।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का वैवाहिक स्थिति

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अविवाहित हैं। 2023 में, उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि कुछ लड़कियाँ उन्हें पत्र लिखकर शादी के लिए बोलती रहती हैं, लेकिन वे अपने गुरु और माता-पिता की आज्ञा मिलने पर ही विवाह करेंगे। उनकी माँ को लड़की ढूंढने का जिम्मा सौंपा गया है, और उनके प्रशंसक उनकी शादी को लेकर उत्सुक हैं।

प्रमुख उपलब्धियाँ

  • बागेश्वर धाम का वैश्विक प्रसार: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम को एक वैश्विक धार्मिक केंद्र बनाया।
  • सनातन धर्म का प्रचार: Dhirendra Krishna Shastri ने हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म के प्रचार के लिए कई पहल कीं, जिनमें हिंदू ग्राम की स्थापना शामिल है।
  • सामाजिक कार्य: अन्नपूर्णा रसोई, वैदिक गुरुकुल, और गरीब लड़कियों की शादी जैसे कार्यों ने उन्हें जनसेवा में अग्रणी बनाया।
  • युवा प्रेरणा: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी कम उम्र में ही लाखों लोगों को आध्यात्मिक और नैतिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने अपनी साधना, भक्ति, और समाज सेवा के माध्यम से लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई। Dhirendra Krishna Shastri का जीवन संघर्षों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और हनुमान जी के प्रति अटूट श्रद्धा से असाधारण सफलता हासिल की। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर के रूप में, वे न केवल धार्मिक कथाओं और सिद्धियों के लिए जाने जाते हैं, बल्कि सामाजिक कल्याण और सनातन धर्म के प्रचार के लिए भी। उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति और मेहनत से कोई भी अपने जीवन को सार्थक बना सकता है।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह जीवनी न केवल उनके भक्तों के लिए, बल्कि उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो आध्यात्मिकता और समाज सेवा के मार्ग पर चलना चाहते हैं। उनकी कथाएँ, प्रवचन, और सामाजिक कार्य बागेश्वर धाम को एक अनूठा स्थान बनाते हैं, जो भविष्य में भी लोगों को प्रेरित करता रहेगा।

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