साध्वी प्रेम बाईसा का जीवन परिचय | Sadhvi Prem Baisa Biography in Hindi

साध्वी प्रेम बाईसा (Sadhvi Prem Baisa) एक ऐसी आध्यात्मिक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपनी भक्ति, ज्ञान और सामाजिक कार्यों के माध्यम से लाखों लोगों के जीवन को प्रेरित किया है। राजस्थान की पावन धरती से उत्पन्न होकर, साध्वी प्रेम बाईसा ने अपने प्रवचनों, श्रीमद् भागवत कथा, और सामाजिक पहलों के जरिए न केवल धार्मिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा जैसे सामाजिक मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह लेख उनके जीवन, करियर, और समाज के प्रति उनके योगदान को विस्तार से दर्शाता है, जो आपके लिए एक प्रेरणादायक होगा।

प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि

साध्वी प्रेम बाईसा (Sadhvi Prem Baisa) का जन्म राजस्थान में बालोतरा जिले के  एक धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध परिवार में हुआ। इसके साथ इसके पिता विरमनाथ है। प्रेम बाई की माता अमरु बाई का निधन कई सालों पहले हो गया था। ये मूलतः बालोतरा जिले के जाट जाति ( साईं ) के परेऊ गांव के निवासी हैं, कि उनका पालन-पोषण एक ऐसे वातावरण में हुआ, जहां धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती थी। बचपन से ही Sadhvi Prem Baisa में आध्यात्मिकता के प्रति गहरी रुचि थी, और वे धार्मिक ग्रंथों, विशेष रूप से श्रीमद् भागवत गीता और भागवत पुराण, के प्रति आकर्षित थीं। उनके परिवार ने उनकी इस रुचि को प्रोत्साहित किया, जिसने उनके भविष्य के आध्यात्मिक करियर की नींव रखी।

साध्वी प्रेम बाईसा की शिक्षा और प्रारंभिक जीवन में धार्मिक अनुष्ठानों और भक्ति भजनों का विशेष महत्व रहा। उन्होंने कम उम्र में ही आध्यात्मिक गुरुओं के सान्निध्य में समय बिताना शुरू किया, जिसने उनके जीवन को एक नई दिशा दी। उनकी सादगी, समर्पण, और भक्ति ने उन्हें कम उम्र में ही “बाल साध्वी” के रूप में प्रसिद्धि दिलाई।


आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत

Sadhvi Prem Baisa ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा बहुत कम उम्र में शुरू की। उनकी प्रेरणा का मुख्य स्रोत उनके गुरु और आध्यात्मिक मार्गदर्शक रहे, जिनमें महंत विरमनाथ महाराज का नाम प्रमुख है। उनके सान्निध्य में साध्वी प्रेम बाईसा ने धार्मिक ग्रंथों का गहन अध्ययन किया और भक्ति मार्ग को अपनाया। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा और नानी बाई का मायरा जैसे पारंपरिक कथाओं को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

साध्वी प्रेम बाईजा की कथाओं में एक विशेष आकर्षण है, जो श्रोताओं को न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से प्रेरित करता है, बल्कि जीवन के नैतिक और सामाजिक मूल्यों को भी उजागर करता है। उनके प्रवचनों में सरलता और गहराई का अद्भुत समन्वय होता है, जो उन्हें हर आयु वर्ग के लिए प्रिय बनाता है।


करियर: श्रीमद् भागवत कथा और भक्ति भजनों में योगदान

साध्वी प्रेम बाईसा (Sadhvi Prem Baisa) का करियर मुख्य रूप से श्रीमद् भागवत कथा वाचन और भक्ति भजनों के प्रचार-प्रसार पर केंद्रित है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में छोटे-छोटे धार्मिक आयोजनों से की, लेकिन जल्द ही उनकी ख्याति पूरे भारत में फैल गई। उनके प्रवचन और भजन यूट्यूब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी उपलब्ध हैं, जहां लाखों लोग उनकी शिक्षाओं से लाभान्वित हो रहे हैं।

श्रीमद् भागवत कथा वाचक के रूप में

Sadhvi Prem Baisa को श्रीमद् भागवत कथा के एक प्रमुख वाचक के रूप में जाना जाता है। उनकी कथाएं न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे जीवन के व्यावहारिक पहलुओं को भी छूती हैं। साध्वी प्रेम बाईसा ने अपने प्रवचनों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता की महत्ता को बार-बार रेखांकित किया है। 2021 में, जसोल में आयोजित एक श्रीमद् भागवत कथा के दौरान उन्होंने कहा, “भारत की धरती बहुत ही पुण्यशाली है। इस भूमि पर जन्म लेना अपने आप में एक आशीर्वाद है।”

उनकी कथाओं में भीष्म पितामह, गोकर्ण, और शिव-पार्वती जैसे प्रसंगों का वर्णन विशेष रूप से आकर्षक होता है। साध्वी प्रेम बाईसा की कथाएं सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं, और उनके यूट्यूब चैनल पर इन कथाओं का लाइव प्रसारण भी किया जाता है, जिससे वैश्विक स्तर पर लोग इससे जुड़ पाते हैं।

भक्ति भजनों का योगदान

Sadhvi Prem Baisa ने भक्ति भजनों के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके भजनों में भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के प्रति गहरी भक्ति झलकती है। उनके यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध भजन, जैसे “राम जी रो नाम म्हानें मीठो घणों लागे,” लाखों लोगों द्वारा सुने और सराहे गए हैं। इन भजनों की मधुरता और गीतों में निहित भक्ति भाव श्रोताओं को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं।

उनके भजनों की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके यूट्यूब चैनल को हजारों लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं, और उनके वीडियोज पर लाखों व्यूज हैं। साध्वी प्रेम बाईसा की आवाज और उनके भजनों का सरल लेकिन गहरा अर्थ उन्हें एक अनूठी पहचान देता है।

नानी बाई का मायरा

साध्वी प्रेम बाईसा राजस्थानी लोक परंपरा में नानी बाई का मायरा की कथाओं को भी प्रस्तुत करती हैं। यह राजस्थान की एक पारंपरिक कथा है, जो भक्ति और नैतिकता का संदेश देती है। Sadhvi Prem Baisa ने इस कथा को आधुनिक पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे यह परंपरा जीवित रह सके।


सामाजिक कार्य और पर्यावरण संरक्षण

साध्वी प्रेम बाईसा (Sadhvi Prem Baisa) केवल एक आध्यात्मिक गुरु ही नहीं, बल्कि एक प्रखर सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने जन जीव कल्याण सेवा संस्थान, जोधपुर के माध्यम से कई सामाजिक पहल शुरू की हैं। इनमें पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, और समाज सेवा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

वृक्षारोपण अभियान

Sadhvi Prem Baisa ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कई वृक्षारोपण अभियानों में भाग लिया है। 2019 में, उनके जन्मदिवस के अवसर पर जोधपुर में 1100 पौधे लगाए गए। इस अभियान में जन जीव कल्याण सेवा संस्थान और रोटरी क्लब पद्ममणि ने सहयोग किया। 2020 में, परेऊ, बाड़मेर में उनके जन्मदिवस पर विभिन्न स्थानों पर वृक्षारोपण किया गया, जिसमें स्थानीय स्कूलों और मंदिरों को शामिल किया गया। साध्वी प्रेम बाईसा ने इस अवसर पर कहा, “जन्मदिवस पर केक काटने की बजाय घी के दीपक जलाएं और वृक्षारोपण करें।”

शिक्षा के क्षेत्र में योगदान

Sadhvi Prem Baisa ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए हैं। 2019 में, उनके जन्मदिवस के अवसर पर उन्होंने मून लाइट सैकंडरी स्कूल में दो छात्राओं, पाचु कुमारी और खुशबू विश्नोई, को शिक्षा के लिए 11,000 रुपये का चेक प्रदान किया। यह उनके शिक्षा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।

सामाजिक सेवा

साध्वी प्रेम बाईसा ने सेवा को सबसे बड़ा धर्म माना है। 2024 में, पाल रोड, जोधपुर में कुटीर आश्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान उन्होंने कहा, “मानव जीवन हमें परमार्थ करने के लिए मिला है। सेवा से बढ़कर और कोई दूसरा धर्म नहीं है।” उनकी यह शिक्षाएं लोगों को समाज सेवा के लिए प्रेरित करती हैं।


यूट्यूब और डिजिटल उपस्थिति

आधुनिक युग में Sadhvi Prem Baisa ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके अपनी शिक्षाओं को विश्वव्यापी बनाया है। उनके यूट्यूब चैनल “SADHVI PREM BAISA” पर श्रीमद् भागवत कथा, नानी बाई का मायरा, और भक्ति भजनों के वीडियो उपलब्ध हैं। इस चैनल पर नियमित रूप से लाइव प्रसारण भी किए जाते हैं, जिससे देश-विदेश के श्रद्धालु उनके प्रवचनों से जुड़ पाते हैं।

चैनल का प्रबंधन जन जीव कल्याण सेवा संस्थान, जोधपुर द्वारा किया जाता है, और यह सुनिश्चित किया जाता है कि सामग्री की गुणवत्ता और प्रामाणिकता बनी रहे। साध्वी प्रेम बाईसा की डिजिटल उपस्थिति ने उन्हें नई पीढ़ी के बीच भी लोकप्रिय बनाया है।


आध्यात्मिक शिक्षाएं और दर्शन

साध्वी प्रेम बाईसा (Sadhvi Prem Baisa) का दर्शन सरल लेकिन गहन है। वे मानती हैं कि सत्संग और भक्ति ही आत्मा की शांति का मार्ग हैं। 2014 में, जसोल में एक कथा के दौरान उन्होंने कहा, “बच्चे की प्रथम गुरु मां होती है, और मानव जीवन का आधार सत्संग है।” उनकी शिक्षाएं भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम के जीवन से प्रेरित हैं, और वे लोगों को सुख-दुख को समान रूप से स्वीकार करने की प्रेरणा देती हैं।

वे भारतीय संस्कृति और सभ्यता को जीवन में अपनाने का आह्वान करती हैं। Sadhvi Prem Baisa के अनुसार, “ईश्वर की कृपा के बिना संसार में कुछ भी संभव नहीं है।” उनकी कथाएं और प्रवचन न केवल धार्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने की प्रेरणा भी देते हैं।


साध्वी प्रेम बाईसा के जन्मदिवस उत्सव

साध्वी प्रेम बाईसा के जन्मदिवस को उनके अनुयायी सामाजिक और धार्मिक कार्यों के साथ मनाते हैं। 2019 और 2020 में उनके जन्मदिवस पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाए गए। 2020 में, परेऊ, बाड़मेर में उनकी माता सती श्री अमरू बाईसा की समाधि स्थल पर पूजा-अर्चना की गई, और कई संतों ने उनके जन्मदिवस पर संगम वृक्षारोपण में भाग लिया।

इन उत्सवों में Sadhvi Prem Baisa की उपस्थिति और उनके संदेश लोगों को सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित करते हैं। उनके जन्मदिवस को एक धार्मिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें हजारों लोग शामिल होते हैं।


प्रमुख उपलब्धियां और मान्यताएं

साध्वी प्रेम बाईसा ने अपने छोटे से करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। उनकी प्रमुख उपलब्धियां निम्नलिखित हैं:

  • श्रीमद् भागवत कथा का प्रचार-प्रसार: Sadhvi Prem Baisa ने श्रीमद् भागवत कथा को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया है।
  • पर्यावरण संरक्षण: हजारों पौधों का रोपण और पर्यावरण जागरूकता अभियान।
  • शिक्षा को बढ़ावा: जरूरतमंद छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • डिजिटल उपस्थिति: यूट्यूब और सोशल मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों तक अपनी शिक्षाएं पहुंचाना।
  • सामाजिक सेवा: जन जीव कल्याण सेवा संस्थान के माध्यम से समाज सेवा में योगदान।

साध्वी प्रेम बाईसा (Sadhvi Prem Baisa) एक ऐसी आध्यात्मिक हस्ती हैं, जिन्होंने न केवल धार्मिक क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई, बल्कि सामाजिक कार्यों के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी है। उनकी श्रीमद् भागवत कथा, भक्ति भजन, और सामाजिक पहलें उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाती हैं। साध्वी प्रेम बाईसा की शिक्षाएं और कार्य हमें यह सिखाते हैं कि सच्ची भक्ति और सेवा ही जीवन का असली उद्देश्य है।


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